जब दफ्तर में करनी हो दोस्ती

दफ्तर में आप नए हों या पुराने, एक दोस्त की जरूरत तो पड़ती है मगर जब आप किसी को जानते नहीं हैं तो यह काफी मुुश्किल हो जाता है। दफ्तर में दोस्त जरूरी है और दोस्त बनाना जरूरी है। हर ऑफिस में एक गैदरिंग पॉइंट होता ही है जहां सभी इकट्ठा बैठ सकते हैं, या समूह बनाकर बैठते हैं, बातें करते हैं, खाते-पीते हैं। कॉफी वेंडिंग मशीन और वॉटरकूलर्ज ऐसे ही कुछ स्पॉट्स हैं। ये जानने कि को शिश करें कि जिन कलीग्स को आप जानना चाहते हैं वे कहां बैठते हैं। एक बार जगह पता चल जाए तो आप भी वहां उसी वक्त पहुंचे जिससे कि आपको उनसे बात करने का मौका मिल सके। कॉफी पसंद न हो तो भी ऐसे ब्रेक्स जरूर लें क्योंकि इस तरह के कॉफी ब्रेक्स की वजह से ही आपको अच्छे दोस्त मिल सकते हैं।

अपने कलीग के दिल में जगह बनाने के लिए भी रास्ता पेट से होकर ही जाता है। बहुत से आईटी फर्म्स में काम करने वालों की मानें तो अपने जैन, या डायबेटिक कलीग्स के पसंद का खाना लाकर उन्हें खिलाएंगे तो आपस में बेहतर रेपो बन सकेगा। इसलिए ऑफिस वालों के डायटरी पसंद-नापसंद पर ध्यान देना शुरू कर दें।

किसी को ही ऐसे किसी व्यक्ति के आसपास रहना पसंद नहीं आता है जो हमेशा सीरियस होकर घूमता रहता हो या ज्यादा चिढ़-चिढ़ा हो। खुद को हमेशा चीयरफुल बनाकर रखें और बातचीत करते हुए खुश नजर आएं। अगर कोई अच्छा दिख रहा है तो उसकी तारीफ करना न भूलें, किसी ने अच्छा काम किया तब भी तारीफ जरूर करें और दिल से करें।

ऐसे लोगों से आपकी दोस्ती करने की इच्छा नहीं भी हो सकती है जो सारा दिन गॉसिप और ऑफिस पॉलिटिक्स में उलझे रहते हैं। अपने ताल्लुक और बातचीत साफ रखें और इस तरह आपके पास सही लोग ही ठहरेंगे। वर्कपेस के बारे में कुछ अच्छा बोलने पर फोकस करें, इस तरह गुडविल बनेगी। अगर आप गलत लोगों के साथ उठेंगे-बैठेंगे तो न चाहते हुए भी आपका इम्प्रेशन गलत ही पड़ेगा। इसलिए सही लोगों के साथ ताल-मेल बनाएं।

किसी नए रेस्टोरेंट में सभी को लेकर जाएं। ये ट्रिक हमेशा काम करती है। ऐसा रेस्टोरेंट चुनें जो वाकई अच्छा हो और अपने साथियों की राय भी लें। अपनी आउटिंग को यादगार बनाने की पूरी कोशिश करें। इस तरह अपने कलीग्स को बेहतर जानने का आपको पूरा मौका मिलेगा।इसी तरह उन लोगों को बभी आपको जानने का अवसर मिलेगा।

अगर आप ज्यादा बात नहीं करते हैं और ज्यादा मेल-जोल रखने में झिझकते हैं या करना नहीं चाहते तो वॉट्स ऐप ग्रुप के जरिए बात शुरू करें। इस तरह लोगों से बात करना आपके लिए आसान हो जाएगा।

अगर आप बहुत बोलते हैं तो ज्यादा ध्यान रखें। अपनी बातचीत से किसी को डराएं नहीं न ही किसी को कॉम्प्लेक्स में डालें और न ही खुद का दबदबा कायम करने की कोशिश करें।

 

शुभजिता

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