दक्षिण कोलकाता तेरापंथ विंग के युवा परिषद ने आयोजित किए 35 से अधिक रक्तदान शिविर

विश्व के सबसे बड़े रक्तदान शिविर का आयोजन

कोलकाता । दक्षिण कोलकाता तेरापंथ विंग के युवा परिषद द्वारा “रक्तदान में इतिहास” बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए “मेगा ब्लड डोनेशन ड्राइव” (एमबीडीडी) अभियान के तहत पूरे महानगर में 36 रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया। इस रक्तदान शिविर का उद्घाटन जय तुलसी फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी श्री तुलसी दुगड़ ने किया। इस स्वर्णिम कार्य में दक्षिण कोलकाता तेरापंथ युवा परिषद के अध्यक्ष रोहित दुगड़, कमल सेठिया, कमल कोचर, शैलेंद्र बोरार, प्रवीण सिरोहिया, मनोज दुगड़, संदीप सेठिया, सौरव श्यामसुखा 108 एसडीपी डोनर, मनीष सेठिया, मनोज नाहटा, नरेंद्र सिरोहिया, मोहित दुगड़, अमित पुगलिया, संदीप मनोत, आनंद मनोत, आनंद बर्दिया, अंकित दुगड़ , अनिल सिंघी, भूपेंद्र दुगड़, अजय कोचर के साथ समाज की कई अन्य प्रख्यात हस्तियां मौजूद थे।

दक्षिण कोलकाता तेरापंथ युवा परिषद की ओर से महानगर के इन स्थानों पर ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया: सीईटीए, इजरा स्ट्रीट; आरोग्य मैटरनिटी होम, न्यू अलीपुर उद्यान, न्यू अलीपुर, टाटा मेडिकल सेंटर, बगुईहाटी सांस्कृतिक सेवा सदन, बाबोसा भक्त मंडल, इको पार्क, व्योम, तेरापंथ भवन, भवानीपुर तेरापंथ भवन, भवानीपुर में बीएनआई एपिक नीलकंठ, कैमक स्ट्रीट इलेक्ट्रो पावर, बारासात बालाजी ट्रेडर्स, मध्यमग्राम ईस्ट एंड गार्डन, मेफेयर रोड एक्वाटेरा, तेरापंथ भवन, भवानीपुर सिंधी औषधालय, मिर्जा गालिब स्ट्रीट, स्प्रिंग क्लब, हाइजीनिक पॉलिमर, दानकुनी, महावीर सेवा सदन, ग्रीनफील्ड सिटी, दादपुर मोटर्स, बालाजी रोटोमोल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, सिद्ध वेस्टन, आईसीए एडुस्किल्स, सेक्टर 5, फ्लोरा फाउंटेन, फ्लोरा फाउंटेन आरसीटीसी, रेसकोर्स आईसीएआई भवन, रसेल सेंट पीएस ग्रुप, ईएम बाईपास, हेल्थ प्वाइंट क्लिनिक, सोदपुर, कलकत्ता चैंबर ऑफ कॉमर्स, पार्क सेंट, रोवलैंड पैलेस, रोलैंड रोड, विक्टोरिया मेमोरियल, बीच टी एस्टेट, हासीमारा, कमांड अस्पताल अलीपुर, अपोलो अस्पताल, चितरंजन अस्पताल, मानिकतल्ला दादाबाड़ी में इस शिविर का आयोजन किया गया।

इस मौके पर दक्षिण कोलकाता तेरापंथ युवा परिषद के अध्यक्ष श्री रोहित दुगड़ ने कहा, महानगर के कई जगहों पर जिनमे दक्षिण कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल, सीए इंस्टीट्यूट रसेल स्ट्रीट, आरसीटीसी रेस कोर्स पद्दोपुकुर में तेरापंथ भवन और ऐसे कई स्थान में अलग से कई प्रतिष्ठित स्व-प्रेरित रक्तदान शिविर आयोजित किए जा रहे हैं,एल। हम अपने सभी सहयोगियों, दाताओं और विशेष रूप से साउथ सभा, महिला मंडल और टीपीएफ दक्षिण कोलकाता का इस महोत्सव के आयोजन का समर्थन के लिए बहुत आभारी हैं। हमारा उद्देश्य न केवल रक्तदान के माध्यम से रक्त एकत्र करना है, बल्कि एक डेटा-बैंक बनाना और इसे देश को समर्पित करना है, जिससे भविष्य में आपातकालीन स्थितियों में रक्तदाताओं को फिर से जोड़ा जा सके और रक्त की आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूरा किया जा सके। रक्तदान जरूरतमंदों के लिए जीवनदान है।

कोरोना महामारी के ब से स्वैच्छिक रक्तदान करनेवाले लोगों की भारी कमी हो गई है, जिसके कारण ब्लड बैंकों में खून की कमी होना आम बात है। रक्त का कोई विकल्प नहीं है। भारत में लगभग 52 करोड़ स्वस्थ लोगों और योग्य रक्तदाताओं के साथ 135 करोड़ से अधिक की आबादी है। अगर वे स्वेच्छा से रक्तदान करते हैं, तो देश के ब्लड बैंकों में रक्त की कभी कमी नहीं होगी। भारत में रक्तदान नियमों के अनुसार, 18 से 65 वर्ष की आयु के बीच कोई भी स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने में स्वेच्छा से रक्तदान कर सकता है। प्रत्येक मानव शरीर में नए रक्त निर्माण की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है, अर्थात पुरानी रक्त कोशिकाएं लगभग 120 दिनों का अपना जीवन काल पूरा करने के बाद नए रक्त के लिए जगह बनाती हैं। हमारे शरीर की नसों में लगभग 5 से 6 लीटर खून हमेशा बहता रहता है। रक्तदान करना एक बड़ा पुण्य कार्य माना जाता है। हर मानव को बढ़-चढ़ कर इस पुण्य कार्य में आगे आना चाहिए |

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