दवा कैबिनेट को दें नया रूप

पुरानी दवाओं, खत्म होते बैंडेज के बॉक्सेस और दवाओं के ट्यूब को मैनेज करना तो आसान है लेकिन दवाओं का अप-टू-डेट कैबिनेट बनाने के लिए उन दवाओं को सही रूप में ऑर्गेनाइज करना भी जरूरी है। इससे आप बीमारी के हिसाब से दवाएं तुरंत निकाल पाएंगे और कब क्या परेशानी हो जाए इसके बारे में अंदाजा लगाना भी तो कठिन होता है। आइए करते हैं दवाओं के इस कैबिनेट का मेकओवर :

ओरल केयर शेल्फ

अपने दांतों और मसूड़ों को टूथपेस्ट और डेंटल फ्लॉस के जरिए स्वस्थ और साफ रखें। कैविटी से बचाव के लिए ऐसे पेस्ट का चुनाव करें, जिसमें फ्लोराइड हो। इस प्रकार का टूथपेस्ट इस्तेमाल करने की सलाह इसलिए दी जाती है ताकि दांतों को कमजोर होने से बचाया जा सके। कई लोगों को फ्लोराइड के नुकसान को लेकर चिंता होती है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इस केमिकल की अत्यधिक मात्रा पेट में चले जाने के बाद ही वह टॉक्सिक हो सकता है।

हर एक से तीन महीने के अंदर ब्रश को बदलें, जब ब्रश के ब्रिसेल्स खराब नजर आने लगें। खासतौर से जब आप बीमार होने की स्थिति में अपना ब्रश इस्तेमाल करते हैं तो बैक्टीरिया उसमें जम जाते हैं और स्वस्थ होने पर दोबारा आपको संक्रमित कर सकते हैं।

इस तरह बनाए अलग-अलग शेल्फ

फर्स्ट एड शेल्फ

विभिन्‍न प्रकार के पेनकिलर्स फर्स्ट एड बॉक्स या शेल्‍फ में रखें। बुखार और दर्द के लिए दवा जरूर रखें, जिसमें आइब्रूफेन सूजन को कम करने में भी मददगार होगी। बैंडेज के भी पैकेट इस शेल्फ पर रखें और उनकी एक्सपायरी डेट का जरूर खयाल रखें। समय के साथ चिपकाने वाली पट्टी अपनी गुणवत्ता खोती जाती है और कुछ ब्रांड में पटि्टयों पर एंटीबायोटिक ऑइंटमेंट रहता है जोकि एक्सपायर हो जाता है। एक शोध में यह बात सामने आई है कि फर्स्ट एड बॉक्स में रखा जाने वाला हाइड्रोजन पैराऑक्साइड का प्रयोग कभी भी कटने-छिलने पर नहीं करना चाहिए, इससे जख्म को ठीक होने में वक्त लगता है।

कोल्ड एंड एलर्जी शेल्फ

मौसम बदलने के साथ ही कोल्ड एवं एलर्जी की शिकायत होती रहती है इसके लिए पहले से ही तैयारी कर लेना बेहतर होता है। वेपॉराइजर और सलाइन या डिकंजेस्टेंट नेजल स्प्रे कोल्ड एंड एलर्जी शेल्फ पर रखें। कोल्ड की समस्या में प्रयोग की जाने वाली दवाएं खांसी में आराम पहुंचाती है, गले की सूजन और दर्द को कम करता है। कोल्ड और इन्फ्लूएंजा की स्थिति में बुखार एक आम समस्या होती है ऐसे में सही-सही तापमान का पता लगाने के लिए डिजिटज थर्मोमीटर का होना जरूरी है।

पुराने प्रकार के ग्लास थर्मोमीटर, जिसके टूटने पर खतरनाक मरक्यूरी लीक हो सकती है ऐसे में डिजिटल थर्मोमीटर अधिक तेज और सुरक्षित होते हैं। कुछ आम प्रकार की मौसमी एलर्जी को दूर करने के लिए एंटीहिस्टामाइंस इस शेल्फ पर होना जरूरी है।

 

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