नए अवतार में फिर हुगली नदी में फिर दिखेगा 1940 का पैडल स्‍टीमर

कोलकाता । पैडल स्टीमर ‘पीएस भोपाल’ जल्द ही हुगली नदी में एक बार फिर नजर आ सकता है। इसे ब्रिटेन के डंबर्टन पोत कारखाने (शिपयार्ड) में 1940 में बनाया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि महानगर के पास एक निजी यार्ड में 62.6 मीटर लंबे और 2.4 मीटर चौड़े जहाज को नया रूप देने के लिए उस पर काम किया जा रहा है।
कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के अध्यक्ष विनीत कुमार ने कहा क‍ि जहाज के नवीनीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है और इसके जल्द ही हुगली नदी पर लौटने की उम्मीद है। शायद अगले कुछ महीनों में…। स्टीमर का संचालन शुरू होने से हमारे ‘विरासत यात्रा कार्यक्रम’ को गति मिलेगी क्योंकि नए ‘पीएस भोपाल’ में बाकी जहाजों (ऐसी यात्राओं के लिए इस्तेमाल होने वाले) की तुलना में अधिक लोग यात्रा करना चाहेंगे।
तीन करोड़ की अधिक लागत से किया जा रहा नवीनीकरण
उन्होंने बताया कि इस जहाज के नवीनीकरण एवं संचालन में शामिल निजी कंपनी बंदरगाह अधिकारियों को 50,000 रुपये की ‘रायल्टी’ का भुगतान करेगी और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करेगी। उन्होंने कहा कि 80 साल पुराने जहाज का नवीनीकरण तीन करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।