नहीं रहे मशहूर शायर कमर पीलीभीती

मशहूर शायर कमर पीलीभीती नहीं रहे। गत रविवार को देर रात में उन्होंने अपने आवास पर आखिरी सांस ली। वह 80 वर्ष के थे। शहर के मोहल्ला सरायखाम निवासी कमरुज्जमा खां कमर पीलीभीती पिछले कुछ समय से बीमार थे। वह अपने पीछे एक बेटा और तीन बेटियां छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी वर्षों पहले दुनिया से चल बसी थी, बच्चों की परवरिश उन्होंने अकेले ही की।
शायरी की दुनिया के वह एक सशक्त हस्ताक्षर थे। जब वह माइक पर शायरी करते थे तो उनकी आवाज का जादू लोगों के सिर चढ़ कर बोलता था। उनके इस शेर को अक्सर उनके चाहने वाले गुनगुनाते मिलते हैं। ठोकरें खाता हूं, मैं गिर के संभल जाता हूं। यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है। उन्हें सोमवार को इशां की नमाज के बाद सुपुर्दे खाक किया गया।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।