निष्ठुर कौन?

– डॉ. ब्रज भूषण सिंह

dr bb singh

पौष की रात थी

ओस और कुहासे के अँधेरे में

थका हुआ मैं चला जा रहा था

फुटपाथ पर, अचानक

एक आलीशान गाड़ी पास से गुजरी

बैठी थी एक सुन्दर नारी

चुम्बन कर पुचकार रही थी

गोद में बैठे स्वान को

सोचा, मैंने – नारी हृदय कितना कोमल!

आगे, एक बालक को देख

हो गया मैं भौचक्का

अर्द्धनग्न बालक।

काँप रहा था ठंड में

भूखा –प्यासा, वह माँग रहा था रोटी

फटकार रही थी सुन्दर नारी

बिलख – बिलख कर रो रहा था

मासूम वह बालक।

टक – टक देख रहा था,

उस स्वान को

जो खा रहा था जलेबी – रोटी

सोचा मैंने – नारी हृदय है निष्ठुर?

या मानव जाति ही निष्ठुर?

(कवि एनसीसी (पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम) डायरेक्टरेट के जनसम्पर्क अधिकारी व प्रख्यात हिन्दी माध्यम स्कूल के हेडमास्टर हैं।

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