पूर्व अटार्नी जनरल और वरिष्ठ वकील सोली सोराबजी का निधन

नयी दिल्ली :   देश के पूर्व अटार्नी जनरल और वरिष्ठ वकील सोली सोराबजी (91) का गत शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया है। करीब सात दशक तक कानूनी पेशे से जुड़े रहे सोराबजी की पहचान देश के बड़े मानवाधिकार वकील के तौर पर होती है।
वे गरीबों और दलितों की मदद में हमेशा आगे रहे। 70 और 80 के दशक में सोराबजी के जूनियर वकील रह चुके कपिल सिब्बल और अशोक पांडा उनकी पहचान देश के बड़े मानवाधिकार वकील के तौर पर थी
1970 से 80 के दशक में सोराबजी देश के सबसे व्यस्त और नामचीन वकीलों में शुमार थे। उन्हें कई बार सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने के लिए अप्रोच किया गया, मगर उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया। वे हर बार कहते-मैं जज कभी भी बन सकता हूं। मगर मैं ऐसा चाहता नहीं हूं क्योंकि जितना अधिक गरीब व दलितों के लिए बाहर रहकर कर सकता हूं, उतना न्यायपालिका का अंग बनकर नहीं कर सकता।
बड़े से बड़े वकील को अपनी दलीलों से पसीने छुड़ा देने वाले सोराबजी अपने जीवन में केवल एक बार आपातकाल में भावुक हुए थे। अक्सर काम का तनाव दूर करने के लिए संगीत का सहारा लेते थे। उन्हें जैज म्यूजिक काफी पसंद था। उन्होंने भारत में इस जॉनर को काफी प्राेत्साहन भी दिया। जब भी खुश होते तो क्लेरीनेट, सैक्सोफोन और पियानो बजाने लगते थे। सिब्बल बताते हैं- वे जूनियर वकील को केस की तैयारी करने के लिए कहते, फिर जांचने के लिए खुद उससे चर्चा भी करते। अगर उन्हें जूनियर की तैयारी पसंद आती तो अपनी जगह उसे ही भेजते और पसंद न आने पर खुद जिरह करते थे।

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