बन जाएँ हम वोकल फॉर लोकल, बनाएँ आत्मनिर्भर भारत

शुभजिता फीचर डेस्क
ट्विटर पर उठी पुकार ‘बाय बाय इंडिया, ओनली भारत’
कोलकाता : भारतीयों की राष्ट्रीय चेतना और भी मजबूत होती दिख रही है और सोशल मीडिया पर भी यह मुहिम तेज हो गयी है। टि्वटर पर ‘बाय बाय इंडिया, ओनली भारत’ बुधवार को ट्रेंड करता रहा। स्वदेशी के पक्ष में एक लाख से अधिक टि्वट देखे गये। देश के प्रति अपने गौरव बोध को जाहिर करने के लिए भारतीय एक से एक अनूठे तरीके खोज रहे हैं और यह वक्त की माँग भी है। कोरोना वायरस के बाद लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सम्भालने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर’ भारत का आह्वान किया था उनके इस अभियान ने जैसे रिसेट का बटन दबा दिया। भारतीय अब स्वदेशी आन्दोलन को लेकर दृढ़ता से आगे आ रहे हैं। मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स यानी भारत में निर्मित उत्पादों के समर्थन के लिए योग गुरु रामदेव और भारत के शीर्ष सन्तूर वादक व संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता तरुण भट्टाचार्य भी आगे आये हैं।
भट्टाचार्य का कहना है कि स्थानीय उत्पादों, संस्कृति, धरोहर, मूल्यबोध भारत की अद्भुत शक्तियाँ हैं और इनमें भारत को सशक्त करने की पूरी क्षमता है। भारत में निर्मित ब्रांडस, जैसे शेयर चैट का समर्थन करने की जरूरत है जो भारतीयता को सामने लाते हैं और देश के विकास में योगदान देते हैं। प्रिया इन्टरटेन्मेंट्ज प्राइवेट लिमिटेड तथा इको एडवेंचर रिसॉर्ट्स के प्रबन्ध निदेशक तथा अभिनेता अरिजीत दत्त ने इस अभियान को समर्थन दिया और खुशी जतायी। शेयर चैट के साथ उन्होंने अमूल, टाटा, आईटीसी के योगदान की भी सराहना की। ब्रांड्स भी ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर’ की मुहिम को आगे ले जा रहे हैं। टि्वटर पर चीनी उत्पादों के बहिष्कारों की मुहिम तेज हो गयी है। सोनम वांग्चुक, मिलिन्द सोमेन. अरशद वारसी, आयुष्मान खुराना समेत कई अन्य चर्चित हस्तियाँ टिकटॉक समेत चीन के उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान कर चुकी हैं और भारत को मजबूत बनाने की मुहिम आगे ले जा रही हैं।


जानिए कुछ ऐसे उत्पादों के बारे में जिनके देसी विकल्प हमारे पास हैं
हम आपको कुछ ऐसे विदेशी उत्पादों के नाम बताते है जो हमारे घरों में धड़ल्ले से इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि इससे बेहतर क्वालिटी के देशी उत्पाद भी मौजूद हैं। लेकिन विज्ञापन के दौर में अच्छे प्रोडक्ट बनाने के बावजूद देशी कंपनियां आगे नहीं बढ़ पाती। आइए जानते है ऐसे ही कुछ प्रोडक्ट के विषय में…
1. टूथपेस्ट
विदेशी- कोलगेट, क्लोज अप, पेप्सोडेंट, सिबाका, एक्वाफ्रेश, एमवे, ओरवली।
लोकल- बबूल, प्रॉमिस, दंतकांति, विको वज्रदंती, नीम, एंकर, मिस्वाक, कामधेनु काला दंतमंजन।
2. टूथब्रश
विदेशी- कोलगेट, क्लोज अप, पेप्सोडेंट, सिबाका, एक्वाफ्रेश आदि।
लोकल- प्रॉमिस, अजय, अजन्ता, मोनेट, रॉयल, क्लासिक आदि।
3. नहाने का साबुन
विदेशी- लक्स, लिरिल, लाईफबाय, डेनिम, डव, केमे, पीयर्स, रेक्सोना, ब्रीज, हमाम, पोंड्स, डिटॉल आदि।
लोकल- निरमा, मेडिमिक्स, नीम, नीमा, जैस्मिन, मैसूर, संदल, हिमानी, सिंथॉल, शिकाकाई, गंगा आदि।
4. शैंपू
विदेशी- लक्स, क्लिनिक, सनसिल्क, रेवलॉन, लक्मे, पैंटिन, मेडिकेयर, पॉन्ड्स, हेड एंड शोल्डर आदि।
लोकल- विप्रो, स्वास्तिक, अयुर हर्बल, केश निखार, हेयर एंड केयर, नाइसिल, वेलवेट, बजाज आदि।
5. वॉशिंग पाउडर
विदेशी- सर्फ, रिन, सनलाइट, व्हील, ओके, मिम, एरियल, चेक, हांको, इजी, नील, स्काइलार्क आदि।
लोकल- टाटा, निमा केयर, सहारा, स्वास्तिक, विमल, हिपोलीन, फेना, सेसा, टी-सीरिज, घड़ी, जेंटिल, उजाला, रानीपाल, निरमा, चमको आदि।
6. क्रीम, पाउडर और सौंदर्य प्रसाधन
विदेशी- फेयर एंड लवली, लक्मे, लिरिल, डेनिम, रेवलोन, क्लियरेसिल, चार्मिस, पॉन्ड्स, डेटाल, ओल्ड स्पाइश, नाइसिल, जानसन बेबी प्रोडक्ट आदि।
लोकल- विको, बोरोप्लस, हिमानी, गोल्ड, नाइल, लेवेंडर, हेयर एंड केयर, हेवन्स, सिंथोल, ग्लोरी वेलवेट, कायाकांति ऐलोवेरा, कायाकांति नीम, कांतिलेप।

7. शेविंग ब्लेड- क्रीम
विदेशी- ओल्ड स्पाइस, पामोलिव, पॉन्डस, जिलेट, डेनिम, यार्डले, विल्मैन, विल्टेज आदि।
लोकल- टोपाज, गेलेन्ट, सुपर मैक्स, लेजर, एक्सक्वायर, प्रिंस, विजोन, इमामी, बलसारा, गोदरेज आदि।
8. शीतल पेय
विदेशी- कोका-कोला, फेंटा, स्प्राइट, थम्सअप, गोल्ड स्पॉट, पेप्सी, लहर, मिरांडा, 7 अप, सिट्रा।
लोकल- रसना, फ्रूटी, गोदरेज, जंप इन, गुलाब और बादाम शरबत, दूध, लस्सी, छाछ, नींबू पानी, नारियल पानी, ठंडाई, जलजीरा आदि।
9. चाय/काफी
विदेशी- टाइगर, ग्रीन लेबल, ब्रुक बॉन्ड, गुडरिक, नेस्ले, सनराइज, नेस्कैफे, रेड लेबल, ताजमहल आदि।
लोकल- टाटा, ब्रह्मपुत्र, असम, गिरनार, चाय दिव्य पेय आदि।
10. शिशु आहार/दुध पाउडर आदि
विदेशी- लेक्टोजेन, सेरेलक, नेस्ले, मिल्कमेड, से स्प्रे, एवरीडे, ग्लैक्सो, फेरेक्स आदि।
लोकल- अमूल, इंडाना, सागर, तपन मिल्क, केयर, शहद, दाल का पानी, फलों का रस आदि
बिस्कुट, चाकलेट, पानी, नमक, चिप्स और नमकीन तक पर विदेशी कंपनी का कब्जा
ये हमने आपके सामने कुछ विदेशी और स्थानीय उत्पाद रखे हैं। इसके अलावा क्या आपको पता है कि हमारे घर में नमक तक विदेशी कंपनियां सप्लाई कर रही हैं। अन्नपूर्णा, कैप्टेन, कुक, किसान, पिल्सबरी नाम से विदेशी नमक भी हमारे घर में घुस चुके है। हालांकि लोकल नमक के तौर पर मार्केट में अंकुर, सैंधा, टाटा, सूर्या ताया, तारा नाम से लोकल नमक भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा बिस्कुट और चाकलेट के मार्केट पर भी विदेशी कंपनियों ने कब्जा कर रखा है, जिसका हम अपने घरों में खूब इस्तेमाल भी करते हैं। पानी की बोतल खरीदते समय भी हममे से कई लोग एक्वाफिना, किनले, वैली आदि नाम देखकर तो खरीद लेते है। लेकिन लोकल कंपनी गंगा, हिमालया, कैंच आदि पर विश्वास नहीं करते। इसलिए समझना मुश्किल नहीं है कि प्रधानमंत्री ने भारतीयों को आत्मनिर्भर रहने के लिए लोकल, वोकल और ग्लोबल करने की बात क्यों कहीं है। अगर भारत के लोग स्वदेशी यानी लोकल प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना शुरू कर दें तो ना सिर्फ भारत आर्थिक रूप से मजबूत होगा बल्कि भारत के लोगों के जीवनस्तर में परिवर्तन देखने को मिलेगा।
लोकल का मतलब सिर्फ भारतीय नहीं
पीएम के भाषण के अगले दिन भाजपा ने साफ किया था कि लोकल का मतलब केवल भारतीय कंपिनयों के बनाए उत्पादों से नहीं है और इसके दायरे में देश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बनाए उत्पाद भी हैं। देश की सबसे बड़ी बिस्किट कंपनी पारले प्रॉडक्ट्स ने पारले-जी, हाइड ऐंड सीक जैसे कई बड़े ब्रैंड्स के लिए स्वदेशी थीम वाले विज्ञापन जारी किए हैं। पारले प्रॉडक्ट्स के कैटिगरी हेड मयंक शाह ने कहा, ‘हम यह बताने के लिए सभी प्लैटफॉर्म्स का उपयोग करेंगे कि हम स्वदेशी ब्रैंड हैं।’
कम्पनियाँ आ रही हैं आगे
बड़ी कन्ज्यूमर कंपनियां अपने सभी ऐडवर्टाइजिंग और मार्केटिंग कैंपेन में ‘वोकल फॉर लोकल’ पर जोर बढ़ा रही हैं। ITC, पारले प्रॉडक्ट्स, अमूल, डाबर, बिसलरी, गोदरेज, मैरिको और वोल्टास जैसी कंपनियों ने इस दिशा में कदम उठाया है। पीएम ने हाल में 12 मई को राष्ट्र को संबोधित किया था।


डिजिटल मीडिया और टीवी पर स्वदेशी का झंडा
डाबर के सीईओ मोहित मल्होत्रा ने बताया, ‘हमने स्वदेशी के संदेश के साथ डिजिटल मीडिया और टीवी, खासतौर से न्यूज चैनल्स पर विज्ञापन करना शुरू किया है।’ वाटिका शैंपू और रेड टूथपेस्ट बनाने वाली डाबर का मुकाबला कोलगेट पामोलिव और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड सरीखी मल्टीनैशनल कंपनियों से है। मल्होत्रा ने कहा, ‘इस बात की काफी संभावना है कि मेड इन इंडिया फैक्टर का लोगों के खरीदारी करने के निर्णय पर असर पड़ेगा। वोकल फॉर लोकल कैंपेन में आयुर्वेद सरीखे भारत के परंपरागत ज्ञान का फायदा उठाने की क्षमता है।’
आईटीसी का मेक इन इंडिया पर जोर
आत्मनिर्भर भारत थीम वाले अपने संबोधन में पीएम ने लोगों से स्थानीय उत्पादों और ब्रैंड्स पर जोर देने की अपील की थी और देश में बनाए गए उत्पाद खरीदने को कहा था। सिगरेट से लेकर कन्ज्यूमर गुड्स तक बनाने वाली आईटीसी ने कहा कि वह अपने कैंपेन में मेक इन इंडिया पर जोर देती रहेगी। आशीर्वाद आटा, सनफीस्ट बिस्किट और विवेल साबुन बनाने वाली आईटीसी ने अपने गैर-सिगरेट कारोबार से एक लाख करोड़ रुपये की बिक्री हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। आईटीसी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर बी सुमंत ने कहा, आईटीसी ने इंडियन ब्रैंड्स का दमदार पोर्टफोलियो तैयार करने में जमकर निवेश किया है। इससे लाखों किसानों को सपोर्ट मिलता है और बड़े पैमाने पर लोगों की आजीविका का इंतजाम होता है। हमने 25 इंडियन ब्रैंड बनाए हैं।’
पतंजलि का हमेशा से स्वदेशी पर जोर
ब्रांड स्पेशलिस्ट संतोष देसाई ने हालांकि कहा कि लोकल क यह थीम उपभोक्ताओं पर कुछ खास असर नहीं डाल सकेगी। उन्होंने कहा, ‘अधिकतर उपभोक्ताओं को यह पता नहीं होता है कि कौन-सा ब्रैंड किस कंपनी का है। पतंजलि जैसी कुछ कंपनियों ने ही भारतीयता की थीम पर कारोबार बढ़ाया है।’ योग गुरु रामदेव की पतंजलि ने अपने सभी ब्रैंड्स में स्वदेशी के पहलू पर जोर दिया है।
– इनपुट – नवभारत टाइम्स

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