भारतीय भाषाओं वाली हिंदी बने राजभाषा- डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’

कोलकाता : साहित्य अकादेमीक्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता में आज हिंदी सप्ताह का समापन समारोह मनाया गया।स अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे हिंदी के चर्चित विचारक और महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कोलकाता स्थित क्षेत्रीय केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’।कार्यक्रम के आरंभ में अकादेमी के क्षेत्रीय सचिव डॉ. देवेंद्र कुमार देवेश ने औपचारिक स्वागत करते हुए यह बताया कि कोलकाता कार्यालय में 14 सितंबर को हिंदी सप्ताह का उद्घाटन समारोह मनाया गया था तथा सप्ताह के दौरान कार्यालय के कर्मचारियों के बीच हिंदी में निबंध प्रतियोगिता, अनुवाद प्रतियोगिता तथा श्रुतिलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया उन्होंने हिंदी के संदर्भ में अपनी बात रखते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल को यह गौरव है कि यहीं से हिंदी में विश्वविद्यालीय शिक्षण की शुरुआत हुई तथा हिंदी का पहला दैनिक समाचार पत्र प्रकाशित हुआ। डॉ. सुनील ने अपने विचार प्रकट करते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार  और  विकास  में  अहिंदीभाषियों  की  भूमिका  को  रेखांकित  किया। उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज में हिंदी  के व्यवहार को बढ़ावा  देने  के  लिए  सरकार  और  सरकारी कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों की इच्छाशक्ति जरूरी है। उन्होंने समझने में दुष्कर अनुवाद वाली हिंदी भाषा को संदर्भित करते हुए कहा कि जरूरत इस बात की है कि भारतीय भाषाओं वाली हिंदी राजभाषा बने अर्थात् व्यावहारिक हिंदी को इतना सहज और सरल बनाया जाए कि सभी भारतीय भाषाओं के बोलनेवालों को समझ में आ सके, तभी हिंदी में सरकारी कामकाज में आसानी हो सकती है। उन्होंने प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बधाई दी और हिंदी को आगे बढ़ाने में सहयोग की अपील की।

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