भारतीय वैज्ञानिकों ने ‘मिल्की-वे’ में खोजे एक अरब वर्ष पुराने दो ‘एलियन’ तारे

नयी दिल्ली : भारतीय वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा यानी ‘मिल्की-वे’ में दो ऐसे तारे खोजे हैं जो वास्तव में ब्रह्मांड के शुरुआती एक अरब वर्ष में बने ‘ग्लोबल क्लस्टर’ का हिस्सा थे और जिनकी प्रकृति आकाशगंगा के अन्य तारों से अलग होने के कारण इन्हें ‘एलियन तारे’ भी कहा जाता है।
अब तक के अनुमानों के अनुसार, ब्रह्मांड की उम्र करीब 14 अरब वर्ष है। शुरुआती एक अरब वर्ष में कई ‘ग्लोबल क्लस्टर’ बने थे। हर आकाशगंगा में इन ‘ग्लोबल क्लस्टर’ के कुछ तारे मिलते हैं हालाँकि अब तक वैज्ञानिक ग्लोबल क्लस्टरों की उत्पत्ति के रहस्य को नहीं समझ पाये हैं।
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की प्रोफेसर शिवारानी तिरुपति ने अपनी टीम के साथ मिलकर इन दोनों तारों की पहचान की है। ये तारे हमारी आकाशगंगा के वलय में धरती से 3621 प्रकाश वर्ष की दूरी पर हैं। दुनिया भर में इससे पहले ग्लोबल क्लस्टर के सिर्फ पाँच तारों का ही इतना नजदीकी से अध्ययन किया गया है।
प्रो. तिरुपति की टीम ने इन तारों में अल्युमीनियम, सोडियम, कार्बन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, मैगनेशियम और कई अन्य रसायनों की प्रचूर मात्रा में मौजूदगी के आधार पर इनके ‘एलियन’ तारे होने की पुष्टि की है। ग्लोबल क्लस्टर के तारों में दूसरे तारों के मुकाबले अल्युमीनियम और सोडियम की मात्रा काफी अधिक पाई जाती है।

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