भूखी रहती हैं घरों में अन्नपूर्णा, 51.4 फीसदी महिलाएं एनेमिया से पीड़ित

एक स्त्री पहले खाना नहीं खा सकती? वह खाना तभी खाएगी, जब घर के सारे सदस्य खास तौर पुरुष खा लें। चाहे उसे कितनी ही भूख क्यों न लगी हो। कई घरों में तो बच्चियां भी बाकी सदस्यों को खाना परोसती नजर आती हैं। यह हकीकत देश के ज्यादातर घरों की है।  हमारे देश में उनको अन्नपूर्णा का दर्जा दिया गया है। वे सबका पेट तो भरती हैं, मगर अक्सर खुद भूखी रह जाती हैं या फिर उन्हें ही पर्याप्त पौष्टिक खाना नहीं मिल पाता है जबकि, देश और दुनिया में बहुत सा खाना बर्बाद भी हो जाता है।

एनीमिया से पीड़ित सबसे ज्यादा 15-49 साल की महिलाएं
फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन की द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रीशन इन द वर्ल्ड, 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 19 करोड़ लोगों को पौष्टिक खानपान नहीं मिल पाता है। यानी देश की 14 फीसदी आबादी को अच्छा खानपान नहीं मिल पा रहा है। वहीं, 15-49 साल की 51.4 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जो एनीमिक हैं, यानी खून की कमी से जूझ रही हैं। इसका मतलब यह हुआ कि इन महिलाओं को आयरन, कैल्शियम जैसे मिनरल्स वाला खानपान नहीं मिल पा रहा है।

दुनिया में 81 करोड़ आबादी सोती है भूखे पेट, इनमें 60 फीसदी महिलाएं
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के मुताबिक, दुनिया की करीब 81 करोड़ आबादी को भूखे पेट सोना पड़ता है या फिर इन्हें पर्याप्त खाना नहीं मिल पाता है। इनमें से करीबी 60 फीसदी तो महिलाएं ही हैं। दुनिया में 5 साल की उम्र के करीब 20 फीसदी बच्चों का वजन अपने उम्र के हिसाब से कम है।

एक तिहाई खाना हाे जाता है बर्बाद, इसमें 40 फीसदी फल-सब्जियां
यह एक त्रासदी है कि एक तरफ तो बड़ी आबादी को पर्याप्त खाना नहीं मिल पा रहा है, वहीं दूसरी ओर कड़वी हकीकत यह है कि दुनिया में हर साल कुल खाने का एक तिहाई बर्बाद हो जाता है। 40 फीसदी फल और सब्जियां, 30 फीसदी अनाज तो हर साल बाजार में सही वक्त पर नहीं पहुंच पाने से और सड़ने के चलते बर्बाद हो जाता है।

आयरन की कमी से जूझ रहीं महिलाएं, ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भी पिछड़ा देश
यूनाइटेड नेशंस की इस संंस्था की रिपोर्ट बताती है कि भारत जैसे विकासशील देशों में महिलाएं ज्यादा कुपोषित हैं। 15-49 साल की उम्र में जब उन्हें अच्छा खाना मिलना चाहिए तो वे मेंस्ट्रुएशन, खराब खानपान और बार-बार मां बनने की वजह आयरन की कमी से जूझ रही होती हैं। हाल ही में जारी हुई  ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2021 में भारत को 116 देशों में 101वां स्थान मिला है। 2021 की रैकिंग में भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से पीछे है।

बेहतर हो कि घर के पुरुष सदस्य दें ध्यान, साथ खाने की आदत डालें

देश में महिलाओं के खानपान को लेकर शुरू से ही जानकारियों का अभाव है। एक महिला को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा अच्छे खानपान की जरूरत होती है। वजह है, उनके शरीर में लगातार होने वाले हॉर्मोनल बदलाव और मेंस्ट्रुएशन। इससे उनमें खून की कमी हो जाती है। महिलाओं को ऐसा खाना दिया जाना चाहिए, जो आयरन, सोडियम, पोटैशियम और प्रोटीन से भरपूर हो। हालात यह है कि देश में आज भी खासकर गांवों में महिलाओं को बेहतर खानपान नहीं मिल पाता है। औरतें भरपेट खाना न होने की वजह से चौलाई के पत्तों की सब्जी खाती हैं या मांड पीती हैं। अक्सर देखा गया है कि घरों में महिलाएं सभी को खाना खिलाने के बाद ही खाती हैं। शहरों या गांवों में ज्यादातर घरों की महिलाएं सबको खिलाने के बाद जो बचा रह जाता है, वही खाकर रह जाती हैं। बेहतर हो कि घर के पुरुष सदस्य इस पर ध्यान दें और साथ खाने की आदत डालें। इससे महिलाओं को एक तो पर्याप्त खाना मिलेगा और उनके खाने में पालक, पनीर, दूध, गोभी, आंवला जैसी पौष्टिक चीजों की उपलब्धता बनी रहेगी, जो उनके लिए जरूरी है।

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