मायरें टेक्नीमॉन्ट ग्रुप और अडानी एंटरप्राइजेज ने मिलाया हाथ

भारत में करेंगे ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट के विकास के लिए करार किया

कोलकाता :  मायरें टेक्नीमॉन्ट एस.पी.ए ने अपनी सब्सिडीयरी नेक्स्टकेम, स्टैमीकार्बन  और एमईटी डेवलपमेंट  (एमईटी डेव)के जरिये अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) से आज एक समझौता ज्ञापन  पर हस्ताक्षर किया है जिसके तहत भारत में औद्योगिक परियोजनाओं के विकास में औद्योगिक हरित रसायन और चक्रीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नेक्स्टकेम और स्टैमीकार्बन की तकनीक और एमईटी डेव की परियोजना विकास की क्षमता और विशेषता का इस्तेमाल किया जाएगा। भारतीय नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध एईएल अडानी समूह की कंपनी है जो भारत के इन्फ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी है, जिसमें 14 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा का परिचालन, निर्माण और निविदा शामिल है। एईएल 3.2 गीगावाट अक्षय ऊर्जा की मौजूदा सालाना क्षमता और सालाना सोलर पैनल निर्माण योजना के लिए अभिनव पर्यावरण हितैषी तकनीक को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

करार के तहत, एईएल और मायरें टेक्नीमॉन्ट समूह की सब्सिडयरी संयुक्त रूप से अक्षय ऊर्जा के अकूत भंडार के मूल्यस्थिरीकरण के लिए नेक्स्टकेम और स्टैमीकार्बन की तकनीक का रसायन, अमोनिया और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में केमिकल वैल्यू चेन के लिए एकीकृत अन्वेषण करेंगी करेगी। मायरें टेक्नीमॉन्ट ग्रुप के पास तकनीकी समाधान है और वह परियोजनाओं के विकास और क्रियान्यवन के लिए जानी जाती है, भारत में उसकी बड़ी और ऐतिहासिक उपस्थिति रही है (2,200 से अधिक इंजीनियर और करीब 3,000 इलेक्ट्रिकल और इंस्टूमेंट प्रोफेशनल मुंबई में हैं) जिसमें संयुक्त रूप से उसके पोर्टफोलियो में तकनीक के साथ बड़े स्तर के कॉम्लेक्स के निर्माण के लिए शुरू से अंत तक परियोजनाओं को अंजाम देने का अऩुभव है।

पाइरोबर्तो फुलजैरो, मायरें टेक्नीमॉन्ट ग्रुप और नेक्स्टकेम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ने कहा भारत हमारा दूसरा घर है, वह हरित ऊर्जा को बढ़ाने के रोडमैपर पर रणनीतिक रूप से काम कर रहा है जिसमें टेक्नोमॉन्ट ने अभी तक लागू किया है। सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध देश और कार्बनउत्सर्जन घटाने के लक्ष्य को लेकर भारत जो काम कर रहा है उसमें हमें खुसी है कि पुराने समझौते को भी जारी रखकर आगे बढ़ते हुए भारत की चक्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं, आज हमने एईएल जैसे अभिनव औरदिग्गज कंपनी से सहयोग कर हरित अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक और अहम कदम बढ़ाया है। हमें पूरी दृढता से दिख रहा है कि हरित रसायन भविष्य का रसायन है, और हम इस तकनीक आधारित क्षेत्र में वैश्विक रूप से सक्षम हैं, साथ ही ग्रुप के आंतरिक सहयोग के लिए बधाई देता हूं।

जयंत परिमल, चेयरमैन के सलाहकार, अडानी समूह ने कहा अडानी समूह भारत की ऊर्जा क्रांति में अग्रणी है और ग्रीन हाइड्रोजन स्वभाविक रूप से हमारे वैश्विक अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो का विस्तार है। ग्रीन हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के प्रसार के कई उपयोग हैं जिसमें हरित अमोनिया (ग्रीन अमोनिया) और हरित रसायन (ग्रीन केमिकल) शामिल हैं। उनका केवल पर्यावरण के लिहाज से ही नहीं बल्कि भारत की आपूर्ति व्यवस्था (सप्लाई चेन) में भी अहम योगदान हो सकता है। एईएल को इस क्षेत्र में अवसर की खोज के लिए मायरें टेक्नीमॉन्ट के साझेदारी करके बेहद खुशी हो रही है। इस सहयोग के साथ अमोनिया और हरित रसायन में मैरी टेक्मोमॉन्ट की अचूक तकनीक और परियोजना प्रबंधन की विशेषज्ञता के साथ अडानी समूह की अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में विश्वस्तरीय क्रियान्वयन एक साथ मिलेंगे। हम एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं जहां यह सहयोग भविष्य की अक्षय ऊर्जा औद्योगिक जरूरत को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।

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