मेडिकल टूरिज्म हब बन रहा भारत, पाँच लाख विदेशी मरीज आ रहे हर साल

बेंगलुरु ; भारत की चिकित्सा सुविधा दुनिया के देशों से सस्ती और बेहतर है। यहां के उपकरण आधुनिक हैं और डॉक्टर अनुभवी हैं। भारत में तकनीकी रूप से उन्नत अस्पताल, विशेषज्ञ डॉक्टर, कम लागत वाले उपचार और ई-मेडिकल वीजा जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन सब खासियतों की वजह से एशिया में भारत सबसे तेजी से मेडिकल हब बनने की दिशा में बढ़ रहा है। पर्यटन के बाद अब बाहर से आने-वाले मरीजों की बढ़ती संख्या इसकी तस्दीक करती है। यह कहना सही होगा कि आने वाले समय में भारत मेडिकल टूरिज्म का हब बन सकता है। भारत सरकार इस दिशा में काफी कदम उठा रही है। कैमरून का 58 वर्षीय नागरिक नगुफैक जिसके शरीर के आधे हिस्से को लकवा मार गया था। अपने दोस्त के कहने पर वह इलाज के लिए भारत आया। नगुफैक की पत्नी का कहना है कि पहली बार हम इलाज के लिए अपने देश से बाहर आए हैं। यहाँ इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं हैं। यहाँ के उपकरण आधुनिक हैं और डॉक्टर अनुभवी हैं।
फिक्की-आईएमएस की रिपोर्ट के अनुसार, पांच लाख से अधिक विदेशी मरीज हर साल भारत में इलाज के लिए आते हैं। मरीज ज्यादातर दिल की सर्जरी, घुटनों का प्रत्यारोपण, कॉस्मेटिक सर्जरी और दंत चिकित्सा के लिए यहां आते हैं क्योंकि एशिया में उपचार की लागत सबसे कम भारत में आती है।
शंकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल के सेल्स एंड मार्केटिंग विभाग के जनरल मैनेजर संदीप केएम का कहना है कि पश्चिमी देश से आने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। ब्रिटेन जैसे देशों में एनएचए प्रकार का मॉडल है, जहां इलाज के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ता है। जो लोग वहां लंबा इंतजार कर चुके हैं या जिनके पास कम समय है, वह भारत का रुख कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसका दूसरा कारण यह भी है कि दूसरे देशों में ऐसी सेवाएं नहीं हैं, जिन्हें हम प्रदान कर सकते हैं क्योंकि उनके पास बुनियादी ढांचा नहीं है। वर्तमान में वैश्विक चिकित्सा पर्यटन बाजार में भारत का लगभग 18 प्रतिशत हिस्सा है। एक अनुमान के अनुसार, 2020 तक यह हिस्सेदारी 20 प्रतिशत यानी 9 अरब डॉलर तक हो सकती है। भारत में बड़ी संख्या में मरीज दक्षिण एशिया, अफ्रीकी देशों से आते हैं।
वेबसाइट पर उपलब्ध सभी जानकारियाँ
भारत सरकार के पर्यटन विभाग की सचिव रश्मि वर्मा का कहना है कि सभी एनएबीएच ने अस्पतालों को मंजूरी दे दी है। अब अस्पताल अपनी वेबसाइट पर इलाज से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराते हैं। भारत में आने वाले मरीज अस्पताल की वेबसाइट पर जाकर जानकारी हासिल कर सकते हैं कि कितने खर्च पर किस तरह की सुविधा मिल सकती है। रश्मि वर्मा ने आगे कहा कि हमारे पास मुंबई, दिल्ली और चेन्नई जैसे हवाई अड्डे पर स्थापित काउंटर जैसे कुछ सुविधाएं भी हैं।
मेडिकल क्षेत्र में हो रही है प्रगति
डॉक्टर नरेश त्रेहन एक विश्व प्रसिद्ध कार्डियोवैस्कुलर और कार्डियोथोरेसिक सर्जन हैं। वह अभी तक 48,000 से ज्यादा दिल की सर्जरी कर चुके हैं। न्यूयॉर्क में 20 वर्षों तक अभ्यास करने के बाद वह वापस भारत लौट आए। डॉक्टर का कहना है कि प्रगतिशील भारत ने मेडिकल के क्षेत्र में काफी प्रगति की है। कुछ संस्थानों में तो वह पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय बन गया है।

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