रख हौसला

आनंद श्रीवास्तव

रख हौसला
कि कोई तेरे लिए नहीं आएगा
ये जिंदगी है इसे सिर्फ तू ही अपने शर्तों पर जी पाएगा।
कितने भरोसे टूटे होंगे और हर बार तू टूट कर फिर जुटा होगा।
तोड़ने -जोड़ने की प्रक्रिया
उम्र भर चलेगी
तय तुझे करना है कि तू अपने सच के साथ कैसे आगे बढ़ेगा
धुंध में डूबी उन धूमिल सपनों की पहचान
जिसे कदम-कदम पर उपेक्षा की अग्निपरीक्षा देनी पड़ी,
हर नागवार उठती ऊंगली को झेलनी पड़ी
उन सब से इतर तेरा फैंटेसी वर्ल्ड है
जो तेरे सपनों को उड़ान देने के लिए
तुम्हें बुला रहा है
पंखों में आगाज़ लिए तू उड़
तिनको से साम्राज्य तुझे रचना होगा
सम्मान और स्वाभिमान के बीच
प्रेम की सीधी राह
तुझे चुनना होगा
रख हौसला कि साथ तेरे कोई नहीं
पर तेरा तू है
इसे तूझे चुनना होगा।
इसे तूझे चुनना होगा।।।

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