वर्क फ्रॉम होम : फ्रीलांस लेवल पर कर्मचारियों की होगी भर्ती, नेतृत्व में बढ़ सकती है महिलाओं की भूमिका

साल-2020 में कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर में लॉकडाउन लगा रहा। ऐसे में कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की इजाजत दी। मजबूरी में शुरू किया गया वर्क फ्रॉम होम कल्चर बाद में कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित हुआ।cपिछले साल वर्क फ्रॉम होम कल्चर इतना सफल रहा कि कई कंपनियों ने कोरोना के बाद भी इसे अपनाने का फैसला किया। घर से काम करने की व्यवस्था की सफलता इस साल हाइब्रिड वर्कफोर्स को बढ़ावा देगी। एक स्टडी में खुलासा किया गया है कि वर्क फ्रॉम होम की सफलता से गिग इकोनॉमी को बढ़ावा मिलेगा।
लीडरशिप में बढ़ेगी महिलाओं की संख्या
जॉब साइट साइकी (Scikey) की रिपोर्ट 2021 टैलेंट टेक्नोलॉजी आउटलुक के मुताबिक, इस साल हाइब्रिड वर्कफोर्स देखने को मिलेगा। गिग इकोनॉमी के विस्तार से महिलाओं की लीडरशिप में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। स्टडी में कहा गया कि काम करने की अवधि खुद से तय करने से रोजगार में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी। इससे भविष्य में नेतृत्व की भूमिका में भी महिलाओं की संख्या बढ़ेगी।
गिग इकोनॉमी का मतलब यह है जहां पोजिशन अस्थाई है और संस्थान कम समय के लिए कमिटमेंट वाले फ्रीलांस या टेंपरेरी कर्मचारियों की भर्ती करते हैं। यानी ये कंपनी के पेरोल पर होंगे भी और नहीं होंगे। यानी आप एक कंपनी के साथ काम करते हुए दूसरी कंपनी के साथ भी काम कर सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में एक्सटर्नल हायरिंग अधिक नहीं होगी, इसके बावजूद गिग इकोनॉमी का विस्तार होगा।
यह स्टडी 100 प्लस सी-सुईट और सर्वे, सोशल मीडिया इनपुट्स इंटरव्यूज व पैनल डिस्कशन के जरिए चुने गए 100 से अधिक ऑर्गेनाइजेशंस के ह्यूमन कैपिटल लीडर्स से प्राप्त इनपुट्स के एनालिसिस के आधार पर किया गया है। सर्वे के मुताबिक 20 फीसदी लीडर्स ने कहा कि एक्सटर्नल वेंडर्स और एचआर कंसल्टेंट्स के जरिए रिक्रूटमेंट किया जाएगा। हालांकि, शेष 80 फीसदी लोगों का कहना है कि वे इंटर्नल हायरिंग को प्रमुखता देंगे। इस प्रकार 87 फीसदी लीडर्स का मानना है कि भविष्य में सीखने, बुनियादी कौशल विकास, व्यवहारिक और नेतृत्व जैसे गुणों की महत्ता बढ़ जाएगी।

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