हिंदी विश्वविद्यालय कोलकाता केंद्र में गणतन्त्र दिवस समारोह

कोलकाता :  भारत के 71वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के क्षेत्रीय केंद्र, कोलकाता द्वारा सॉल्ट लेक स्थित केंद्र परिसर में ध्वजारोहण एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सबसे पहले केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’ ने अध्यापकों, विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं उपस्थित अतिथियों के बीच राष्ट्रीय झण्डा फहराया। सलामी और राष्ट्रगान के बाद डॉ. सुनील ने सबको ‘संविधान की प्रस्तावना’ की शपथ दिलाई। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि 26 जनवरी का दिन हम सबके लिए ऐतिहासिक है और हमें इसके महत्व को हमेशा बचाकर रखना है। यह तभी संभव हो सकता है, जब इस देश का संविधान सही तरीके से लागू हो। उन्होंने कहा कि संविधान को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है, ताकि देश का हर नागरिक इसे जाने-समझे और इसका समुचित पालन करे। इस काम में हम अकादमिक लोगों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। इस अवसर पर विशेष रूप उपस्थित अतिथि और पूर्व क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (ईज़ेडसीसी) की निदेशक श्रीमती गौरी बसु ने भारतीय संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें गर्व है कि इस संविधान के कलात्मक पक्ष को सँवारने में शांतिनिकेतन- पश्चिम बंगाल के कलाकारों ने अपना विशेष योगदान दिया। केंद्र के अतिथि अध्यापक डॉ प्रेम बहादुर मांझी ने देश में बढ़ती जा रही सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों पर चिंता जताते हुए कहा कि इन विसंगतियों को दूर किए बिना हम गणतन्त्र के असली उद्धेश्य को हासिल नहीं कर सकते हैं। इसके बाद केंद्र भवन के मुख्य द्वार पर ‘संविधान की प्रस्तावना’ पट्टिका का अनावरण तीन नन्हें-मुन्ने बच्चों अंजलि, रोशनी और चर्चिल द्वारा किया गया। इस अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन सावित्रीबाई फुले सभा-कक्ष में किया गया।  इसका संचालन जनसंचार विभाग के अतिथि अध्यापक डॉ. ललित कुमार ने किया। कार्यक्रम के  आरंभ में तीन बच्चियों- अनुष्का, अंजलि और रोशनी ने अँग्रेजी और हिंदी में कविताएं सुनाईं। इसके बाद केंद्र की छात्रा नैना प्रसाद ने देशभक्ति गीत और रवीन्द्र संगीत की सुंदर प्रस्तुति दी। कुमारी साक्षी ने दिनकर की कविता और विवेक साव ने संविधान काव्य प्रस्तुत किया। सुमन चौधरी ने भारतीय गणतन्त्र के वर्तमान परिदृश्य पर अपना वक्तव्य दिया। पूजा गौतम ने मार्टिन लूथर किंग के प्रसिद्ध भाषण ‘आई हैव ए ड्रीम’ को ओजपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया। सरस्वती मुखर्जी और रीता बैद्य ने बांग्ला संगीत सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। काजल शर्मा, पूजा साव और सुखेन शिकारी ने भी अपनी उम्दा प्रस्तुति दी। हिंदी के अतिथि अध्यापक डॉ शिवशंकर सिंह ने अपने सुमधुर काव्य पाठ से सबको प्रभावित किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन केंद्र प्रभारी डॉ सुनील कुमार ‘सुमन’ ने किया और सभी को गणतन्त्र दिवस की शुभकामनाएँ दी।

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