13 साल पहले जिन स्कूलों को नक्सलियों ने तोड़ा था, अब उन्हीं के हाथों दोबारा रखी जाएगी नींव

दंतेवाड़ा : पोटाली इलाके के आश्रम-स्कूलों को 13 साल पहले जिन नक्सलियों ने ध्वस्त किया था, अब उन्हीं के हाथों दोबारा इन आश्रमों की नींव रखी जाएगी और इन्हीं की सुरक्षा में काम भी होगा। ईंट पर इनके नाम और शिक्षा का संदेश देने वाले स्लोगन भी होंगे। इतना ही नहीं, जिस जगह आश्रम भवन तोड़ा था, नया भवन भी उसी जगह ही बनाया जाएगा। पुलिस ने इसके लिए खास रणनीति तैयार की है।
जिन पूर्व नक्सलियों के हाथों आश्रम भवन की नींव रखी जाएगी। उनमें क्षेत्र के पूर्व बड़े नक्सली लीडर संजय पोटाम उर्फ बदरू, किरण शामिल हैं। इनमें सबसे पुराना बदरू है। जिसने 2013 में सरेंडर किया था। वह इस इलाके का पहला नक्सली है जिसने आत्मसमर्पण किया है। अभी ये पुलिस की डीआरजी टीम में निरीक्षक है। दंतेवाड़ा के नक्सल ऑपरेशन में बदरू की सबसे बड़ी भूमिका है। एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि पोटाली में आश्रम बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। जिन्होंने स्कूल-आश्रम को तोड़ा था, उन्हीं सरेंडर नक्सलियों से नींव रखवाई जाएगी। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही जल्द काम शुरू होगा।
सलवा जूड़ूम की शुरुआत के बाद नक्सलियों ने तोड़ा था आश्रम : सलवा जुड़ूम की शुरुआत के बाद नक्सलियों ने बस्तर के कई इलाकों में जमकर उत्पात मचाया था। इनमें से पोटाली का इलाका भी है। यहां के आश्रम-स्कूल, अस्पताल, बिजली खंभों को तोड़ दिया था। आश्रम टूटने के बाद पोटाली इलाके व अन्य जगहों के 800 से ज़्यादा बच्चों के सामने पढ़ाई का बड़ा संकट खड़ा हुआ। इन्हें दूसरे आश्रमों में शिफ्ट करना पड़ा था।
इस इलाके के युवाओं को जोड़ने और नक्सलियों को सरेंडर कराने की कवायद : पोटाली-बुरगुम इलाके के नए युवाओं को जोड़ने व नक्सलियों को सरेंडर कराने की भी कवायद साथ-साथ चल रही है, ताकि इस इलाके में तेज गति से विकास काम हों और नक्सलियों की जड़ें उखड़ जाएं। पुलिस के लिए गोपनीय सैनिक के रूप में काम कर रहे अभी 14-15 युवा व सरेंडर नक्सली इसी इलाके के हैं, जिनकी मदद ली जा रही है।
सुरक्षा की गारंटी मिली तो 8 ठेकेदारों ने दिखाई रुचि
दंतेवाड़ा के जो 11 आश्रम व स्कूल शिफ्टिंग में चल रहे हैं, उनमें ज्यादातर पोटाली इलाके के ही हैं। पोटाली में कैंप खुलते ही आश्रम बनाने की स्वीकृति मिली, टेंडर हुआ। दो बार टेंडर के बाद भी किसी ने जहमत नहीं उठाई। लेकिन एसपी ने जब सुरक्षा की गारंटी दी तो 8 ठेकेदारों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया। अब इसे जल्द ही शुरू कराने की तैयारी है। इस इलाके के ग्रामीण भी लगातार दोबारा आश्रम शुरू कराने की मांग लगातार कर रहे थे।

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