21 साल के इस शख्स ने खड़ी कर दी 500 करोड़ की कंपनी

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रतन टाटा ने भी किया है निवेश, बेचते हैं 90 प्रतिशत तक सस्ती दवा

21 वर्षीय अर्जुन देशपांडे आज करीब 500 करोड़ की वैल्यू वाली एक कंपनी के मालिक है। उन्होंने महज 16 साल की उम्र में लोगों को सस्ती कीमत पर दवाएं मुहैया कराने के लिए ‘जेनरिक आधार नाम से एक कंपनी की स्थापना की थी।
आज उनकी कंपनी के पास पूरी फ्रेंचाइजी की चेन है, जो जेनेरिक दवाएं बेचती है। ये दवाएं आमतौर पर बाजार में उपलब्ध कीमत से करीब 80 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं। मुख्य मुख्यालय वाले इस स्टार्टअप की वैल्यू आज करीब 500 करोड़ रुपये है और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने भी इस कंपनी में निवेश किया हुआ है। जेनरिक आधार ने लागत में अच्छी खासी कटौती करने के लिए मार्केटियर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स और स्टॉकिस्ट सहित कई बिचौलियो को हटा दिया है।
इसके चलते यह बेहद कम दाम में दवाओं को बेच पाती है। उदाहरण के लिए शुगर की दवा ग्लिमिपिराइड सामान्य रूप से बाजार में 110 रुपये प्रति स्ट्रिप की दर पर बिकती है। वहीं जेनरिक आधार पर इस दवा को 5 रुपये थोड़े अधिक में बेचती है। सीएनबीसी टीवी -18 ने एक रिपोर्ट में बताया, इसी तरह एंटी-एलर्जी वाली दवा लिवोसेट्रिजीन, आमतौर पर बाजार में 55 रुपये में उपलब्ध है, जेनेरिक आधार पर 6 रुपये प्रति स्ट्रिप की कीमत पर उपलब्ध है।
शुरुआती कुछ सालों में, जेनेरिक आधार ने शहरों में तेजी से विस्तार किया और जिसके बाद देशपांडे को मशहूर शो ‘टेड टॉक’ पर आमंत्रित किया गया। यहां देशपांडे का दिया भाषण काफी वायरल हुआ, जिसने रतन टाटा का ध्यान आकर्षित किया। कंपनी के इनोवेटिव मॉडल से प्रभावित होकर रतन टाटा ने इसमें निवेश करने की ऑफर दिया। तब से, रतन टाटा ने जेनेरिक आधार को देश के कोने-कोन तक पहुंचाने में मदद की है।
अब, स्टार्टअप के पास देश भर में करीब 2,000 स्टोर हैं, जिसमें लगभग 10,000 कर्मचारी हैं। इस साल अप्रैल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय नागरिकों को सस्ती दवा मुहैया कराने के लिए अर्जुन देशपांडे के समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि जेनेरिक आधार का काम अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दे रहा है। साथ ही उन्होंने देशपांडे को “फार्मा का वंडर किड” बताया।
फिलहाल कंपनी बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात और म्यांमार में अपने कारोबार के विस्तार पर काम कर रही है। देशपांडे ने कुछ समय पहले कहा था, ‘हम जल्द ही दुबई, ओमान, कंबोडिया और वियतनाम में भी अपने स्टोर खोलेंगे।’ इसके अलावा, कंपनी का लक्ष्य पशु चिकित्सा क्षेत्र में भी प्रवेश करते हुए स्टोर्स की संख्या को 3,000 तक बढ़ाना है। 21 वर्षीय सीईओ अर्जुन देशपांडे का मानना है कि पशुओं के लिए कम कीमत पर दवाएं उपलब्ध होने से किसानों का पर वित्तीय दबाव कम होगा। कंपनी ने हाल ही में आंध्र प्रदेश में अपना पहला पशु चिकित्सा स्टोर खोला है।

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