5 की संख्या इसलिए है इतनी शुभ

सुनीता सुराना, युग्म ऐस्ट्रो कन्सल्टेंसी

पंचामृत से लेकर पंचमेवा तक का महत्व
पंचदेव :
सूर्य, गणेश, शिव, शक्ति और विष्णु ये पंचदेव कहलाते हैं। सूर्य की दो परिक्रमा, गणेश की एक परिक्रमा, शक्ति की तीन, विष्णु की चार तथा शिव की आधी परिक्रमा की जाती है।
.
पांच उपचार पूजा :
गंध, पुष्प, धूप, दीप और नेवैद्य अर्पित करना पंच उपचार पूजा कहलाती है।
.
पंच पल्लव :
पीपल, गूलर, अशोक, आम और वट के पत्ते सामूहिक रूप से पंच पल्लव के नाम से जाने जाते हैं।
.
पंच पुष्प :
चमेली, आम, शमी (खेजड़ा), पद्म (कमल) और कनेर के पुष्प सामूहिक रूप से पंच पुष्प के नाम से जाने जाते हैं।
.
पंच गव्य :
भूरी गाय का मूत्र (8 भाग), लाल गाय का गोबर (16 भाग), सफेद गाय का दूध (12 भाग), काली गाय का दही (10 भाग), नीली गाय का घी (8 भाग) का मिश्रण पंचगव्य के नाम से जाना जाता है।
.
पंच गंध :
चूर्ण किया हुआ, घिसा हुआ, दाह से खींचा हुआ, रस से मथा हुआ, प्राणी के अंग से पैदा हुआ ये पंच गंध है।
.
पंचामृत :
दूध, दही, घी, चीनी (शकर), शहद का मिश्रण पंचामृत के नाम से जाना जाता है।
.
पंचांग :
जिस पुस्तक या ता‍लिका में तिथि, वार, नक्षत्र, करण और योग को सम्मिलित रूप से दर्शाया जाता है उसे पंचांग कहते हैं।
.
पंचमेवा :
काजू, बादाम, किशमिश, छुआरा, खोपरागिट पंचमेवा के नाम से जाने जाते हैं।

शुभजिता

शुभजिता की कोशिश समस्याओं के साथ ही उत्कृष्ट सकारात्मक व सृजनात्मक खबरों को साभार संग्रहित कर आगे ले जाना है। अब आप भी शुभजिता में लिख सकते हैं, बस नियमों का ध्यान रखें। चयनित खबरें, आलेख व सृजनात्मक सामग्री इस वेबपत्रिका पर प्रकाशित की जाएगी। अगर आप भी कुछ सकारात्मक कर रहे हैं तो कमेन्ट्स बॉक्स में बताएँ या हमें ई मेल करें। इसके साथ ही प्रकाशित आलेखों के आधार पर किसी भी प्रकार की औषधि, नुस्खे उपयोग में लाने से पूर्व अपने चिकित्सक, सौंदर्य विशेषज्ञ या किसी भी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। इसके अतिरिक्त खबरों या ऑफर के आधार पर खरीददारी से पूर्व आप खुद पड़ताल अवश्य करें। इसके साथ ही कमेन्ट्स बॉक्स में टिप्पणी करते समय मर्यादित, संतुलित टिप्पणी ही करें।