50 साल में पूरी की पीएचडी! मिलिए 76 साल के विद्यार्थी से

पत्‍नी और पोती के सामने मिली उपाधि

नयी दिल्‍ली । कुछ करने की इच्‍छा हो तो उम्र कोई बाधा नहीं है। निक एक्‍सटेन इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। वह 76 साल के हो चुके हैं। 1970 में वह पीएचडी में एनरोल हुए थे। 50 साल बाद उन्‍होंने इसे पूरा किया है। 14 फरवरी को उन्‍हें डॉक्‍टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) की उपाधि से नवाजा गया। एक्‍सटेन को अपनी पत्‍नी क्‍लेयर और 11 साल की पोती फ्रेया के सामने यह सम्‍मान मिला। 1970 में एक्‍सटेन को पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी में मैथमैटिकल सोशॉलजी से पीएचडी करने के लिए फुलब्राइट स्‍कॉलरशिप मिली थी। लेकिन, वह पीएचडी पूरी किए बिना 5 साल बाद ब्रिटेन लौट गए। अब यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिसल ने उन्हें डॉक्‍ट्रेट की डिग्री से नवाजा है।
एक्‍सटेन के नाम के आगे अब डॉक्‍टर लग चुका है। जब उन्‍हें डॉक्‍ट्रेट की डिग्री से नवाजा गया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। कई साल पहले उनकी यह चाहत पूरी हो गई होती। लेकिन, ऐसा नहीं हो सका। फिर भी उन्‍होंने इस ख्‍वाहिश को मन में जिंदा रखा। डॉ एक्‍सटेन ने ब्रिसल यूनिवर्सिटी से फिलॉसफी में एमए किया। तब उनकी उम्र 69 साल थी। फिर उन्‍होंने इसी विश्‍वविद्यालय से फिलॉसफी में पीएचडी की। 75 साल की उम्र में पिछले साल यह पूरी हुई। 14 फरवरी को यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में उन्‍हें उपाधि दी गई।
डॉ न‍िक एक्‍सटेन ने क्‍या कहा?
ब्रिसल यूनिवर्सिटी ने डॉक्‍टर एक्‍सटेन का एक बयान जारी किया है। इसमें उन्‍होंने कहा कि कुछ समस्‍याएं बहुत बड़ी होती हैं जो जिंदगी का काफी समय ले लेती हैं। इन्‍हें समझना आसान नहीं होता है। काफी सोच-विचार की जरूरत पड़ती है। इसे समझने में मुझे 50 साल लग गए। एक्‍सटेन की रिसर्च की नींव में वो आइडिया हैं जो पांच दशक पहले अमेरिका में काम करते हुए उन्‍होंने महसूस किए। यह मानव व्‍यवहार को समझने के लिए नई थ्‍योरी है जो हर एक व्‍यक्ति रखता है। एक्‍सटेन कहते हैं कि इसमें बिहेवियर साइकॉलजी के नजरिये को बदलने की क्षमता है।
साथी छात्रों का जताया आभार
डॉ निक एक्‍सटेन ने 50 साल बाद पीएचडी पूरी करने पर ब्रिसल यूनिवर्सिटी और साथी छात्रों का आभार जताया। उन्‍होंने कहा कि उनके साथी छात्र काफी कम उम्र के थे। लेकिन, उन्‍होंने कभी निक को उम्र का एहसास नहीं होने दिया। इन युवा छात्रों के पास अपार आइडिया हैं। उन्‍हें इन साथियों से बात करना बहुत पसंद है। डॉ निक एक्‍सटेन अभी सोमरसेट के वेल्‍स में अपनी पत्‍नी के साथ रहते हैं। उनके दो बच्‍चे और चार पोती-पोते हैं।
निक एक्‍सेटन के गाइड प्रोफेसर समीर ओकाशा ने कहा कि उन्‍हें पीएचडी करते हुए देखना बेहद शानदार था। यह उनके लिए भी बिल्‍कुल अलग तरह का अनुभव था। ओरिजनल पीएचडी शुरू करने के बाद इसे पूरा करने में उन्‍होंने आधी सदी लगाई। यह उनके जज्‍बे और चाहत को दिखाता है। उनकी जगह शायद कोई और होता तो काफी पहले इस चाहत को छोड़ चुका होता।

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