नया साल शुरू हो गया है और साल के आरम्भ में ही कोविड ने डराना
यह साल का अंतिम महीना है और हम नये साल की तरफ बढ़ रहे हैं।
उत्सवों का मौसम है और रोशनी का त्योहार मनाने के लिए हम तैयार हैं। इस
देवी पक्ष का आगमन हो रहा है और मातृ शक्ति की आराधना के लिए हम
त्योहारों का मौसम दस्तक दे चुका है और माँ दुर्गा के आगमन की तैयारियाँ भी
पुरानी पीढ़ी ने सिखाया है कि जो वृक्ष जितना फलदार होता है, वह उतना ही
कोविड -19 के कारण काफी चीजें बदल गयी हैं। मुलाकात का तरीका, बातचीत का तरीका,
यह भयावह समय है, कठिन समय है। काल का तांडव, मृत्यु की विभीषिका है, प्रकृति
यह ऐसा समय है जिसे आधुनिक समाज ने देखा न था..कल्पना नहीं की थी…हर ओर
कोविड ने एक बार फिर से परेशान करना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र में तो